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ssc exam and protest: क्या छात्रों को इंसाफ मिलेगा?

ssc exam and protest क्या छात्रों को इंसाफ मिलेगा

ssc exam and protest क्या छात्रों को इंसाफ मिलेगा

ssc exam and protest :-

ssc exam and protest :- कर्मचारी चयन आयोग (SSC) भारत में सरकारी नौकरियों के लिए सबसे बड़ी परीक्षाओं में से एक आयोजित करता है। हर साल लाखों युवा इन परीक्षाओं में शामिल होते हैं, एक बेहतर भविष्य और सरकारी नौकरी का सपना देखते हैं। लेकिन हाल के दिनों में, यह सपना हकीकत में बदलने की बजाय एक दुःस्वप्न बनता जा रहा है। SSC द्वारा आयोजित परीक्षाओं में लगातार हो रही गड़बड़ियां, तकनीकी खामियां और कुप्रबंधन ने छात्रों को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया है, और #SSCMisManagement जैसे हैशटैग सोशल मीडिया पर एक बड़े आंदोलन का रूप ले रहे हैं।

ssc exam and protest :- क्यों हो रहा है इतना विरोध?

SSC की परीक्षाओं में हो रही धांधलियां और अव्यवस्था कोई नई बात नहीं है, लेकिन 2025 की परीक्षाओं में इसने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। विशेष रूप से SSC सिलेक्शन पोस्ट फेज 13 की परीक्षा, जो 24 जुलाई से 1 अगस्त 2025 तक होनी थी, छात्रों के लिए परेशानी का सबब बन गई।

1.(Technical Flaws) : तकनीकी खामियों का अंबार

कल्पना कीजिए, आप महीनों से एक परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, दूर-दराज के किसी शहर में परीक्षा देने जाते हैं, और वहां पहुंचकर पता चलता है कि जिस कंप्यूटर पर आपको परीक्षा देनी है, वह काम ही नहीं कर रहा। या सर्वर क्रैश हो गया है, स्क्रीन खाली है, या माउस-कीबोर्ड अटक रहे हैं। यही हाल हुआ SSC के कई परीक्षा केंद्रों पर। छात्रों ने बताया कि सर्वर क्रैश, सिस्टम फ्रीज और खाली स्क्रीन जैसी समस्याएं आम थीं। कुछ छात्रों की तो परीक्षा शुरू होने के बाद बीच में ही रद्द कर दी गई, बिना किसी स्पष्टीकरण के। यह सिर्फ एक तकनीकी गड़बड़ी नहीं, बल्कि लाखों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।

2. ( Questions on New Vendor ) : नए वेंडर पर गंभीर सवाल

छात्रों और कई शिक्षाविदों का मानना है कि इन गड़बड़ियों के पीछे मुख्य कारण SSC द्वारा चुना गया नया वेंडर है। आरोप हैं कि इस नई एजेंसी का ट्रैक रिकॉर्ड पहले से ही खराब है और उसके पास इतनी बड़ी संख्या में उम्मीदवारों की परीक्षा कराने का अनुभव और क्षमता नहीं है। छात्रों की पुरानी मांग रही है कि परीक्षा आयोजित करने का काम टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) जैसी किसी विश्वसनीय और अनुभवी एजेंसी को ही दिया जाए, जिसका पिछला अनुभव कहीं बेहतर रहा है। सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए, क्योंकि यह सिर्फ एक परीक्षा का सवाल नहीं, बल्कि देश के लाखों युवाओं के भरोसे का सवाल है।

3. ( Exam Centers ) : परीक्षा केंद्रों की बेतरतीब आवंटन और असुविधा

एक और बड़ा मुद्दा परीक्षा केंद्रों का आवंटन रहा है। कई छात्रों को उनके घर से 500 से 1000 किलोमीटर दूर परीक्षा केंद्र दे दिए गए। सोचिए, एक छात्र जो आर्थिक रूप से कमजोर है, वह इतनी दूर जाने का खर्च कैसे उठाएगा? और अगर वह किसी तरह पहुंच भी जाता है, और वहां जाकर पता चलता है कि परीक्षा रद्द हो गई है, तो उस पर क्या बीतेगी? परीक्षा केंद्रों पर बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव था। पीने का पानी, साफ-सफाई और बैठने की उचित व्यवस्था न होने से छात्रों को काफी परेशानी हुई। कुछ छात्रों ने तो यह भी शिकायत की कि निचले फ्लोर पर जानवर रखे हुए थे और बाउंसरों को तैनात किया गया था, जो अनावश्यक रूप से छात्रों पर दबाव डाल रहे थे।

4. ( Police Action ): शांतिपूर्ण विरोध पर पुलिसिया कार्रवाई

इन सभी गड़बड़ियों के विरोध में, 1 अगस्त 2025 को ‘दिल्ली चलो’ के आह्वान पर हजारों छात्र और शिक्षक दिल्ली के जंतर-मंतर पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे। लेकिन छात्रों का आरोप है कि उन्हें वहां भी इंसाफ नहीं मिला। वायरल हो रहे वीडियो और चश्मदीदों के बयान बताते हैं कि पुलिस ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे छात्रों और शिक्षकों पर लाठीचार्ज किया, उन्हें हिरासत में लिया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया। कई छात्रों और शिक्षकों को घंटों तक बसों में बिठाकर रखा गया, उन्हें पानी तक नहीं दिया गया। क्या भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में अपने हक के लिए आवाज उठाना इतना बड़ा अपराध है? यह घटना सीधे तौर पर नागरिकों के शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार का उल्लंघन है।

आगे क्या? आगामी परीक्षाओं पर चिंता

इन सब घटनाओं ने छात्रों के मन में SSC की आगामी परीक्षाओं, विशेष रूप से SSC CGL 2025 (जिसमें लगभग 30 लाख उम्मीदवार शामिल होंगे) के सुचारु संचालन को लेकर गहरी चिंता पैदा कर दी है। अगर वर्तमान स्थिति ऐसी ही बनी रही, तो छात्रों का परीक्षा प्रणाली से विश्वास उठ जाएगा। SSC के अध्यक्ष एस. गोपालकृष्णन ने कुछ सुधारों का आश्वासन दिया है और एजेंसी चयन प्रक्रिया को पारदर्शी बताया है, लेकिन सिर्फ आश्वासनों से काम नहीं चलेगा। छात्रों को ठोस कदम और कार्रवाई चाहिए।



समाधान की उम्मीद

यह विरोध प्रदर्शन सिर्फ कुछ परीक्षाओं के लिए नहीं है, यह देश के लाखों युवाओं के भविष्य और उनके सपनों के लिए है। सरकार और SSC को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए और छात्रों की मांगों पर तुरंत ध्यान देना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है, तो यह आंदोलन और बड़ा रूप ले सकता है। छात्रों की आवाज को अनसुना करना देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ होगा।

हमें उम्मीद है कि सरकार इस मामले में त्वरित और निर्णायक कदम उठाएगी, ताकि देश के युवा एक निष्पक्ष और पारदर्शी परीक्षा प्रणाली पर भरोसा कर सकें और अपने सपनों को साकार कर सकें।

क्या आपको लगता है कि SSC को छात्रों की मांगें माननी चाहिए? आपके विचार क्या हैं, इस पर टिप्पणी करें। More information

Rashifal…………….

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